मुक्तक : 929 – चुस्कियाँ Posted on October 25, 2019 /Under मुक्तक /With 0 Comments याद में ; यार की ; हिचकियाँ लींं गयीं ।। गीत गाते कई मुरकियाँ लींं गयीं ।। दिल हुआ गर नशे का तो दारू नहीं , प्याले में चाय की चुस्कियाँ लींं गयीं ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 371