■ मुक्तक : 988 – इंतिज़ार Posted on July 5, 2020 /Under मुक्तक /With 0 Comments सब पूछना मगर न पूछना ये भूलकर सवाल ।। क्या है तुम्हारे बिन हमारा इन दिनों में हालचाल ? वर्ना तुम्हें जवाब कैसे देंगे ये कि हम को डर है , फ़रमा न जाएँ इंतिज़ार में कहीं हम इंतिक़ाल ? -डॉ हीरालाल प्रजापति 2,279