■ 1008 – दुआएँ Posted on December 3, 2020 /Under मुक्तक /With 0 Comments कभी झुकने नहीं देतीं , उठाए मुझको रखती हैं ।। तुनुक मिटने नहीं देतीं , बनाए मुझको रखती हैं ।। वहाँ है मौत डग-डग पर , मैं जिन राहों पे चलता हूँ , दुआएँ हैं किसी की जो , बचाए मुझको रखती हैं ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापति 4,475