■ मुक्तक : 1012 – दम Posted on February 18, 2021 /Under मुक्तक /With 6 Comments जिनके क़द हों बौने जिनमें पत्ते तक बचे हों कम ; रखते हैं दरख़्त वे भी साये बाँटने का दम ।। और मालदारों से जो मुफ़्त कुछ मँगाइए , तब ही ये कहेंगे ” हाथ तंग है गदा हैं हम...Read more