अपनी पीड़ाऍं

अपनी पीड़ाऍं किसी को मत बताना ।। शोक में तो बन विदूषक खिलखिलाना ।। लोग उड़ाते हैं हॅंसी दुखियों […]

ग़म

उससे बिछड़े यों कई साल हुए जाते थे , उससे दूरी का मगर सख़्त अभी भी ग़म था ।। […]

तालीम

हसीनों की मोहब्बत ने तुम्हें पूरा मिटाया है ।। हैं हम जो कुछ , उन्हीं की बेवफाई ने बनाया […]