अपनी पीड़ाऍं

अपनी पीड़ाऍं किसी को मत बताना ।।

शोक में तो बन विदूषक खिलखिलाना ।।

लोग उड़ाते हैं हॅंसी दुखियों की उनको ,

जब सुनाना चुटकुले नच-नच सुनाना ।।

-डॉ. हीरालाल प्रजापति