बुरा न बोलूंगा
उसको हर शख़्स गिरफ़्तार देखना चाहे ,
गर जो होगा वो कहीं भी बॅंधा मैं खोलूॅंगा ।।
उसको तोले है ज़माना भले ही मिट्टी से ,
मैं तो सोने से ही उसको हमेशा तोलूॅंगा ।।
जिसको देखो वो उसी की बुराई करता है ,
उससे चिढ़ता है झगड़ता लड़ाई करता है ,
वो ही काम आया है मेरे कदम-कदम उसको ,
लाख सबको है बुरा मैं बुरा न बोलूॅंगा ।।
-डॉ. हीरालाल प्रजापति