Kavita
Vishv
न मानोगे तो मत मानो , क़सम तो मैं नहीं खाता ।। इशारे जो न समझे उसको मैं कहके […]
जो थककर दरख़्तों के साये में आकर , मैं बैठे हूॅं जब-जब भी आराम करने ; मिले चंद लम्हों […]
हाॅं ! ये कोमलता में कम होने के कारण से , हरसिंगारों से नि:संशय कम लहकता है ।। हमने […]