आकाश तड़ित सा लपक लपक दुश्मन पर गिर गिर काटेंगे ।। यदि आज नहीं यदि अभी नहीं तो हम किस दिन फिर काटेंगे ? अब आँख के बदले आँख नहीं ना हाथ हाथ के बदले में , अब तो अपनी...Read more
कर सरस्वती को नमन प्रथम गणपति का वंदन करता हूँ ।। हों कामनाएँ पूरी मेरी विनती मन ही मन करता हूँ ।। हिय से हो भाव विभोर तुम्हें शत-शत अभिनंदित करता हूँ ।। यह कन्या रूप रतन तुमको मैं आज...Read more
आपने करबद्ध हो हम को नमन शत-शत किया ।। अपना नीलाकाश से भी उच्च मस्तक नत किया ।। झुक गए प्रत्येक बाराती भी आगे आपके , आपने कुछ इस तरह उनका सुहृद् स्वागत किया ।। कौन करता है किसी का...Read more
मरने पे या किसी के जन्मने पे नचेंगे ।। जानूँ न क्यों वलेक लोग बाग जगेंगे ।। तुम भी तमाशा देखने को रात न सोना ।। मरने पे मेरे थोड़ा भी मायूस न होना ।। 31 दिसंबर मैं चीख़ दे...Read more
वो सियासी पूस की रातों का सूरज ढल गया ।। इक बड़ाकवि अटल नामक इस जगत से टल गया ।। राजनीतिक पंक में खिलता रहा जो खिलखिला , हाय ! वो सुंदर मनोहर स्वच्छ भोर कमल गया ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापतिRead more
बहुत ही ख़ास बहुत ही अज़ीज़ था मेरा , वो उस जगह पे कहीं हाय खो गया इक दिन ॥ चुरा के मुझ से मेरा दिल क़रार की नींदें , बग़ैर मुझ को बताये ही सो गया इक दिन ॥...Read more