वो सुंदर लड़की
वो छुपकर बादलों की ओट से सुंदर सी इक लड़की , मेरी दो बूॅंद भर की याचना पर अपने […]
वो छुपकर बादलों की ओट से सुंदर सी इक लड़की , मेरी दो बूॅंद भर की याचना पर अपने […]
मेरा जज़्बा मेरी माॅं के लिए सबसे जुदा है ।। है मेरे वास्ते क्या वो ; मेरे दिल पे […]
जाने कब से , जाने किसको , जाने क्यों मैं ढूॅंढता हूॅं ? हर कली के लब तबस्सुम को […]
कितना तक़्दीर का मारा हूॅं ; सच ! बिचारा हूॅं ? जिसकी लज़्ज़त का न सानी जहान में होगा […]
जीने की ख़ातिर रोज़ मरूॅं – मैं कितनी बार , मगर मुझको , महबूब क़सम अच्छा लगता , जीना […]