माॅं

मेरा जज़्बा मेरी माॅं के लिए सबसे जुदा है ।। है मेरे वास्ते क्या वो ; मेरे दिल पे […]

जाने क्यों ?

जाने कब से , जाने किसको , जाने क्यों मैं ढूॅंढता हूॅं ? हर कली के लब तबस्सुम को […]

अज़्म ( संकल्प )

जीने की ख़ातिर रोज़ मरूॅं – मैं कितनी बार , मगर मुझको , महबूब क़सम अच्छा लगता , जीना […]