इस हेतु कि हमें देखकर कोई धोखा न खा सके परम आवश्यक हैं…… ऐसे संकेत ,ऐसे प्रतीक जो अवगत करा सकें हमारे दर्शनार्थी को हमारी वास्तविकता अथवा सच्चाई से कि हम जो अंदर से भेड़िये हैं ओढ़े भले ही हैं गाय का खोल...Read more
कवच होते हैं वार से बचने को , मरीजों के लिए होते हैं – डॉक्टर , अपराधों की रोकथाम अथवा न्याय के लिए हैं – पुलिस और अदालतें बिगड़ों के लिए सुधारक अज्ञानियों हेतु – स्कूल और कॉलेज यह लिस्ट और भी लंबी खींची जा सकती...Read more
अभी तो हम चेतन हैं । यदि पहले से ही हमें पता हो हमारी मौत का दिन । हमें पता हो कब होने वाला है हमारा अपमान ? हम जिस परीक्षा में बैठने वाले हैं उसमें क्या पूछा जाने वाला है ?...Read more
औरों को पता नहीं क्या ? किन्तु मेरे लिए न जाने क्यों ? किन्तु एक व्यसन है – कविता । लिख लेने के बाद मुझे असीम शांति मिलती है । इसका दूसरा कोई पाठक नहीं होता । मैं स्वयं पढ-पढ़कर आत्ममुदित होता हूँ ।...Read more
मैं वहाँ भी अरे जिसका नाम तक लेने से लोग डरते हैं हर्ष पूर्वक सदा सदा के लिए चलने को , बसने को तैयार हूँ क्या तो कहते हैं उसे ? हाँ ! नर्क । क्योंकि मैं जानता हूँ मेरा अनुभव है...Read more
उसे कितना ख़्याल है हमारी आँखों के स्वाद का । आज मैंने जाना । जबकि उसे देखा उजाले में , दरारों से छिपकर । वह सब जो वह लादे रहती थी निर्धन होकर भी सर्वथा नकली , सस्ते ढेरों अलंकार – जो उसके...Read more