यक़ीनन है शिकस्ता दिल जवाँ होकर भी वो वर्ना ।। न कहता नौजवानों से मोहब्बत-इश्क़ से बचना ।। ख़ुुदा ने जब तुम्हें बख़्शी है सूरत चाँद से प्यारी ; तुम्हारा जिस्म जैसे राजधानी की है फुलवारी ; तुम्हें सिंगार से...Read more
हो साल नया सब को मुबारक़ न कहूँगा !! इस बार में नववर्ष का स्वागत न करूँगा ।। रंजीदा हूँ , ग़मगीन हूँ , मातम से भरा हूँ , बाहर से लगूँ ज़िंदा पर अंदर से मरा हूँ , महफ़िल...Read more
किस मुंँह से फिर मनाएँ , नववर्ष का वे उत्सव ।। जिनको मिली न जीतें , जिनका हुआ पराभव ।। व्यसनी तो करते सेवन ; हो ना हो कोई अवसर , कुछ लोग पान करते ; मदिरा का हर्ष में...Read more
मादक , मसृण , मृदुल , महमहा ।। तव यौवन झूमें है लहलहा ।। जैसी कल थी तू आकर्षक । उससे और अधिक अब हर्षक । तू सुंदर , अप्सरा , परी तू । उर्वशी , रंभा से भी खरी...Read more
हाय मंसूबा नहीं इक अब तलक पूरा हुआ ।।1।। जबकि अपनी उम्र का आधा शतक पूरा हुआ ।।2।। क्या नहीं हमने किया मंज़िल को पाने वास्ते । रौंद डाले काँटों , अंगारों भरे सब रास्ते । कुछ ने कम मेहनत...Read more
दिल जोड़ने चले हो ठहरो ज़रा संँभलना ।। टूटे हैं दिल हज़ारों इस दिल्लगी में वर्ना ।। मासूमियत की तह में रखते हैं बेवफ़ाई । मतलब परस्त झूठी करते हैं आश्नाई । राहे वफ़ा में देखो यूँँ ही क़दम न...Read more