हाथ काँँधों पर नहीं गर्दन से सर ग़ायब , पैर भी टूटे हुए हैं फिर भी ज़िंदा हूँँ !! पीठ पर मेरे न इक पर लेकिन आँँखों में , ख़्वाब उड़ानों के लिए जीता परिंदा हूँँ !! हाथ में लेकर...Read more
माँगता हूँ जो वही साथी मुझे देना ।। और जितना चाहूँ उतना ही मुझे देना ।। तितलियाँ माँगूँ तो देना तितलियाँ लाकर । चीटियाँ माँगूँ तो देना चीटियाँ लाकर । सौंपना चूहा ही यदि चूहा मँगाऊँ मैं , मत कभी...Read more
तुम क्या जानो दुख पायल का , तुमको तो छन-छन से मतलब ? चूड़ी कितनी चिटके-टूटे , तुमको बस खन-खन से मतलब ? तुमको बस अच्छे लगते वो मेंढक जो टर्राते हैं सच । गाने वालों से ज़्यादा प्रिय तुमको जो...Read more
प्रेम धुन में प्रीत लय में गुनगुनाएगी ॥ लेखनी मेरी उसी के गीत गाएगी ॥ दृष्टि में मेरी सदा रहता है मुख उसका । और मुझको ताकते रहना है सुख उसका । मैं भरी बरसात में भी यदि पुकारूँ तो ,...Read more
तुझको मैं आजन्म अपना मीत लिक्खूँँगा ॥ तुझको मुझमें रुचि नहीं है जानता हूँ मैं । योग्य भी तेरे न मैं ये मानता हूँ मैं । तू करे दिन रात मुझसे धुर घृणा तो भी , मैं तुझे पल-पल मेरी सद्प्रीत...Read more
कि चाहो तो क्या तुम न चाहो तो क्या है ? मोहब्बत से अब अपना जी भर गया है ।। न धोखाधड़ी की न जुल्म-ओ-जफ़ा की । जो करता हो बातें हमेशा वफ़ा की । मगर तज़्रिबा अपना ज़ाती ये कहता , वही...Read more