मेरी मुश्किल की बिलआख़िर नजात वो ही हैं ।। हाॅं वो ही मेरा जनाज़ा ; बरात वो ही हैं ।। दोस्त मेरे हैं बहुत कम , मगर हैं जितने भी , मुझको लगता है मेरी काइनात वो ही हैं ।।...Read more
इस ज़मीं पर नहीं और न उस , आस्माँ पर बनाऊँगा मैं ।। सुन मुनादी मेरी आज ये , और यक़ीं कर बनाऊँगा मैं ।। अपनी नज़रों में भी ना जगह देने वाले इरादा मेरा , एक दिन तेरे पत्थर...Read more
चढ़ता जोबन भी लुढ़कता सा जुरा लगने लगे ; ख़ुद को जब ख़ुद का हसीं-चेह्रा बुरा लगने लगे ; मत ज़रा होना मुशव्वश तब यही यह सोचकर ; फूल-आईना भला अब क्यों छुरा लगने लगे ? ( जोबन =जवानी /...Read more
तेरी हर ख़्वाहिश तेरी फ़र्माइशों के वास्ते , बन पड़ेगा जिस तरह भी पर कमाकर जाउँगा ।। उम्र भर भी बैठकर तू खा सकेगा इस क़दर , तेरे ख़र्चों के लिए दौलत जमाकर जाउँगा ।। जाने क्यों लगता है मुझको...Read more
भेड़ों न बकरियों से मुझको कुछ दुलार है ।। गायों से भी न रंचमात्र प्यार-व्यार है ।। इनको चरा रहा हूँ अपना पेट पालने , मत चौंकिए ये मेरा सिर्फ़ रोज़गार है ।। -डॉ. हीरालाल प्रजापतिRead more